भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का इतिहास(History of Indian Space Technoloy)
परमाणु विभाग के अन्तर्गत भारत आंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का प्रारंभ हुआ |
विक्रम सारा भाई के प्रयास से INCOSPAR कामेटी का निर्माण किया गया |
INCOSPAR
पूरा नाम - Indian national Committe for Space Research
स्थापना - 1962
ISRO
INCOSPAR कमिटी का परिवर्तित रूप |
पूरा नाम - Indian Space Research Organization
स्थापना - 1969
मुख्यालय - बैंगलोर
संस्थापक - विक्रम सारा भाई
वर्तमान(2020 ) अध्यक्ष(chairman ) - के. सिवन
1975
19 अप्रैल 1975 को आर्यभट्ट नामक प्रायोगिक उपग्रह
1979
भारत में पहले निर्मित पहला प्रायोगिक रिमोट सेंसिग उपग्रह,जिसे भांस्कर प्रथम नाम से लाँन्च किया गया था
1980
भारत के प्रथम प्रायोगिक उपग्रह वाहन को सैटेलाइट लाँन्च व्हीकल-3 (एस एल वी-3) नाम से लाँन्च किया गया था जो अंतरिक्ष क्रार्यक्रम में भारत को छठा राष्ट्र बनाता है।
1982
भारत में पहला व्यावसायिक दूर संचार उपग्रह INSAT - 1A
INSAT - INDIAN NATIONAL SATELLITE
1982
1982 में पहली बार INSAT - 1A भू-स्थैतिक कक्षा में प्रक्षेपण किया गया। लेकिन यह असफल रहा।
इसमें अमेरिका के नासा एजेंसी ने मदद किया था |
1983
INSAT - 1B का सफल परीक्षण किया गया था।
FLORIDA के CAPE CARNAVERAL से इसका प्रक्षेपण किया गया था।
1984
भारत औार सोवियत मानवयुक्त मिशन में पहले भारतीय काँस्मोनाँट राकेश शर्मा, रुसी आंतरिक्ष स्टेशन साल्युत 7 में आठ दिन बिताते है।
1988
1988 में आई आर एस-1 ए (IRS-1A इंडियन रिमोट सेंसिग ) का धुवीय कक्षा में सफल प्रक्षेपण किया गया।
रूस के कजा किसतन सेन्टर Baikanur Cosmodrome से प्रक्षेपित किया गया था।
1994
1994 में पीएसएलवी(PSLV) का सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया।
1999
1999 पीएसएलवी (PSLV) ने विदेशी उपग्रहो को ले जाना शुरू किया।
2001
2001 जीएसएलवी(GSLV) को सफलतापूर्वक लाँन्च किया गया था।
2008
अक्टूबर 2008 में चन्द्रयान -1(CHANDRAYAAN-1) का सफल परीक्ष किया गया।
पृथ्वी के अलावा किसी और खगोलीय पिण्ड पर भेजा गया पहला उपग्रह चन्द्रयान-1 था।
2013
पीएसएलवी-सी 22 (PSLV-C22) ,जुलाई 2013 को भारत के पहले विदेशी क्षेत्रीय नेविगेशन सैटेलाइट IRNSS-1A के साथ सफलतापूर्वक लाँन्च किया गया था।
नवंबर, 2013 PSLV-C 25 की मदद से मार्स आँर्बिटर मिशन(MOM /मंगलयान - 1 ) 5 नवंबर,2013 में शुरू किया गया था।
2017
15 फरवरी,2017 को, इसरो ने श्रीहरीकोटा अंतरिक्ष केन्द्र से एकल रॉकेट का उपयोग करते हुए 104 उपग्रहो को सफलतापूर्वक लाँन्च किया।
2017 को भारत की GSLV Mk- III की पहली उड़ान ने GSAT-19 उपग्रहो को सफलतापूर्वक लाँन्च किया।
भारत का GSLV Mk- III(प्रक्षेपणयान ) जो 4000 कि.ग्रा. वनज के उपग्रह को ऊँचाई तक ले जाने की ताकत रखता हैं।
14 नवंबर 2018
14 नवंबर 2018 को GSLV Mk- III की मदद से GSAT-29 को सफलतापूर्वक लाँन्च किया गया।
भारत के द्वारा अभी भेजा गया सर्वाधिक भारी उपग्रह लगभग 3500 कि.ग्रा. को भेजा गया।
5 दिसंबर 2018
5 दिसंबर 2018 को GSAT-11 भारत का सबसे भारी संचार उपग्रह ( फ्रेंच गुयाना ) से सफलतापूर्वक लाँन्च किया गया।
GSAT-11 का वजन लगभग 5854 कि.ग्रा. था।
2019
भारत के जियोसिंक्रोनस सैटलाइट लाँन्च व्हीकल GSLV Mk III-M1 ने चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को 22 जुलाई 2019 को सफलतापूर्वक लाँन्च किया।